Thursday, August 14, 2008

बाबुओं की आज़ादी देश की बर्बादी

केन्द्र सरकार ने आखिरकार बाबुओं की सेलरी बढ़ने का फ़ैसला कर लिया और आज़ादी दिवस के मौके पर उन्हें तोहफे से नवाज़ दिया। इस बात से किसी को कोई परेशानी नहीं, पर देश की जनता पर जो यह बोझ पड़ेगा उसकी भरपाई कैसे की जायेगी, इस बारे में किसी ने कोई विचार नहीं किया। पहले ही कमरतोड़ मंहगाई से जूझ रही जनता इस भर से कहीं दम ही न तोड़ दे पर सरकार को तो आने वाले चुनाव दिख रहे हैं , उसे दुबारा आना है और सत्ता की मलाई चाटनी है बस। ठीक बात है कि निजी नौकरी में पैसा अधिक है, पर जिम्मेदारियां भी तो हैं। सरकारी अधिकारी कितने जिम्मेदार हैं, किसी से छुपा नहीं है। इसके अलावा जितनी छुट्टियाँ सरकारी नौकरी में हैं, कहीं नहीं हैं। इन सब बातों को अगर जोड़ा जाए तो सरकारी बाबु फ्री की सेलेरी ही उठाते नज़र आते हैं।

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं ओर बहुत बधाई आप सब को