Wednesday, September 3, 2008
दिल के अरमान आंसुओं में बह गए
कोसी नदी से पैदा हुई आफत ने बिहार को फिर ५० साल पीछे धकेल दिया है। जितनी आफत इस पानी ने नहीं मचाई उससे ज्यादा नेताओं ने मचा दी है, इस माहौल में भी वे राजनीति में लगे हैं, बजाय ज़नता के लिए कुछ करने के सब आने वाले लोक सभा चुनाव को देख रहे हैं। लालू या नीतिश या रामविलास पासवान, सब लोक सभा चुनाव की तयारी कर रहे हैं, बाढ़ से बेहाल ज़नता की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
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