Friday, August 29, 2008
एक और गौतम को मिलेगा मौका
बिहार में बाढ़ राहत का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है और टाइम मगज़ीन के मध्यम से सुर्खियाँ बटोर चुके गौतम गोस्वामी की याद फिर आने लगी है। बाढ़ से राहत के नाम पर पैसे के बंदरबांट का सिलसिला नया नहीं है और एसा भी नहीं है की नीतिश कुमार के 'सुशासन' में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। वो सब कुछ चलेगा, देखना यह है कि ज़नता तक कितनी राहत पहुँच पाती है? वैसे उम्मीद है कि इस बार ज्यादा घोटाला नहीं हो और लोगों तक अधिक से अधिक राहत समय पर पहुँच सके। वैसे देखने वाली बात यह भी होगी कि इन सबसे निबटने के बाद नीतिश सरकार बांध को मज़बूत बनने के लिए नेपाल के साथ मिलकर क्या कदम उठाती है, क्योंकि ऐसी खबरें भी हैं कि इंजिनीयरों को नेपाल में काम करने से बिहार या केन्द्र सरकार ne रोक दिया। अगर एसा है तो यह अपने पाँव पर ख़ुद कुल्हारी मारने वाली बात है, अगर इस मामले की गंभीरता को नहीं समझा गया तो यह गंभीर कृत्य है और ज़नता इसकी सज़ा सम्बंधित सरकार को ज़रूर देगी, तरीका वही है वोट के द्वारा।
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