Sunday, September 28, 2008

अमेरिकी मंदी और घरेलु आईटी कंपनियां

अमेरिकी संकट के मद्देनज़र घरेलु आईटी कंपनियों की हालत ख़राब है। आख़िर हो भी क्यों नहीं हमारी उस पर निर्भरता कुछ ज्यादा ही है। हर baat के लिए उसका मुंह ताकना उसकी सहमती से ही किसी करार पर आगे बढ़ना या नहीं बढ़ना, रक्षा उपकरणों के लिए पूरी तरह उस पर निर्भर रहना हमारी आदत बन गयी है। अगर वहां मंदी तो हमारी अंती ढीली होगी ही। वह परेशां तो हम भी और वह मज़े में तो हम भी, पता नहीं क्यों हम उसके गुलाम से हो गए लगते हैं। सच में हम मानसिक रूप से अमेरिका के गुलाम ही हो गए हैं। एक बार १९४७ में हमें अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी, पर पता नहीं बौधिक गुलामी से हमें कब आज़ादी मिलेगी।

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