Saturday, October 11, 2008

अब जापान की बारी

अमेरिकी मंदी और कंपनियों के डूबने के बाद अब जापान की बारी है। जापान की एक बड़ी बीमा कम्पनी ने दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन दिया है। दरअसल आज हर देश की इकोनोमी अमेरिका पर निर्भर है और अमेरिकी मंदी का संकट सबको झेलना ही पड़ेगा, कोई कुछ भी कहे ।
हमारे यहाँ ही चिदम्बरम और सुब्बराओ उछल रहे हैं की हम पर इसका असर नहीं पड़ेगा, लेकिन सोचने वाली बात यह है की हम अमेरिका को इतनी चीज़ों का निर्यात कर रहे हैं, अब वहां मंदी है तो मांग घटेगी और भारतीय कंपनिया नुकसान उठाएंगी। शेयर बाज़ार ने इसकी एक झलक दे दी है और सोमवार को बाज़ार फिर गिरेगा यह तय है। इतना साफ़ है की जिसके पास आज पैसा है वह इस मौके को निवेश के लिए बेहतरीन तरीके के रूप में ले सकता है। घरेलु कंपनियों पर इसका असर पड़ेगा और निश्चित रूप से पड़ेगा कम या ज्यादा। दरअसल विकाश की अंधी दौड़ में कुछ गलतियाँ लोग कर जाते हैं और सरकार उस समय इसे भुला देना चाहती है जिस वज़ह से ऐसी घटनाएँ होती हैं और आगे भी होती रहेंगी

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