Monday, October 27, 2008

एक बार मुस्कुरा दो

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करोबिताये हुये पलों को साथ साथ याद करोक्या पता कल चेहरे को मुस्कुरानाऔर दिमाग को पुराने पल याद हो ना होआज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओआज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओक्या पता कल ये बातेऔर ये यादें हो ना होआज एक बार मन्दिर हो आओपुजा कर के प्रसाद भी चढाओक्या पता कल के कलयुग मेभगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना होबारीश मे आज खुब भीगोझुम झुम के बचपन की तरह नाचोक्या पता बीते हुये बचपन की तरहकल ये बारीश भी हो ना होआज हर काम खूब दिल लगा कर करोउसे तय समय से पहले पुरा करोक्या पता आज की तरहकल बाजुओं मे ताकत हो ना होआज एक बार चैन की नीन्द सो जाओआज कोई अच्छा सा सपना भी देखोक्या पता कल जिन्दगी मे चैनऔर आखों मे कोई सपना हो ना होक्या पताकल हो ना हो

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