आजकल खुल रहे नए निजी बैंकों में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी और साथ में एक बन्दूक का लाइसेंस बहुत आसानी से प्राप्त होने वाला मध्यम बन गया है। बेगुसराई में कई निजी बैंक जैसे एक्सिस बैंक वगैरह खुले हैं और उनमें बन्दूक का लाइसेंस रखने वाले गार्ड की भारी मांग है। आस पास के इलाके में बन्दूक का लाइसेंस बनवाने और बनने वाले भी दर्ज़न नहीं सैकडों की संख्या में उग आए हैं। बेरोजगार लड़के २५००० रूपये में आसानी से लाइसेंस और बन्दूक हासिल कर लेते हैं और साथ में ८००० रूपये महीने की नौकरी भी। ये लाइसेंस वास्तव में नागालैंड, अरुणाचल या त्रिपुरा सरकार के नाम से स्थानीय स्तरपर बनाये जा रहे हैं।
कहने का मतलब यह है की फर्जी लाइसेंस के भरोसे बैंक के खजाने की सुरक्षा की जा रही है। एसा भी नहीं है की प्रसाशन या पुलिस को इस बारे में पता नहीं हो, क्योंकि एसा बड़े पैमाने पर हो रहा है। अगर पुलिस को पता नहीं है तो यह और भी गंभीर है क्योंकि कम से कम बैंक पर उनकी नज़र तो रहनी ही चाहिए। इसके अलावा पुलिस की मिलीभगत की इसमें अधिक गुंजाइश है क्योंकि उनको यह तो पता होना ही चाहिए कि अचानक पूर्वोत्तर राज्यों से लाइसेंस बहुतायत में कैसे बन्ने लगे। अगर ये पुलिस कि मिलीभगत से हो रहा है तो नीतीशजी के सुशासन के दावे हवा में उड़ गए क्या। कोई बिहार सरकार को सदबुधि दे कि वह इन घटनाओं पर लगाम लगाये वरना उसके दावे तो उडेंगे ही सरकार भी लालूजी कि तरह...।
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1 comment:
यार हमारे देश मे कोई चीज असली भी बनती हे,अब कर लो बात,
आप का धन्यवाद, बहुत ही अच्छी जानकारी के लिये
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